Seoni Malwa Updates :- गोशाला की भूमि पर अवैध फसल और खनन के खिलाफ ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई की मांग
Seoni Malwa :
ग्राम पीपर बहर के समीप स्थित गोशाला परिसर में अवैध गतिविधियों को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गोशाला की भूमि का गलत उपयोग किया जा रहा है, जिसमें मिट्टी का अवैध खनन, परिवहन, और चरोखड़ भूमि पर अनधिकृत फसल उगाने जैसे कार्य शामिल हैं। इसे लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर और जिला जनपद सीईओ के नाम एक ज्ञापन सौंपा है और दोषियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।
गोशाला की भूमि पर अवैध फसल और खनन के आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पीपर बहर में सरकार की योजनाओं के तहत गोशाला बनाई गई थी, जिसमें चरोखड़ की करीब 35 एकड़ भूमि शामिल है। यह भूमि गोवंश के लिए घास (चरी) उगाने के उद्देश्य से आरक्षित की गई थी। हालांकि, गोशाला संचालक द्वारा इस भूमि पर गेहूं, साग-भाजी, तुअर, चना आदि फसलें उगाई जा रही हैं, जिनका व्यवसायिक लाभ लिया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस भूमि पर उगाई गई फसलें बेचकर लाखों रुपये की अवैध कमाई की जा रही है, जो कि नियमों के खिलाफ है।
इसके अलावा, ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि रात के समय गोशाला परिसर में पोकलेन मशीनों से मिट्टी की खुदाई की जा रही है और इसे डंपरों के माध्यम से अन्य स्थानों पर भेजा जा रहा है। जब ग्रामीणों ने डंपर को रोकने का प्रयास किया, तो चालक ने सरपंच, सचिव और अन्य स्थानीय अधिकारियों का नाम लेकर कहा कि मिट्टी खोदने की अनुमति उन्हीं से मिली है। मिट्टी का उपयोग सड़क निर्माण के लिए किया जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग और आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने ज्ञापन में मांग की है कि:
- गोशाला संचालक समिति को तुरंत भंग किया जाए।
- गोशाला की भूमि का व्यावसायिक उपयोग बंद किया जाए और इसे गोवंश के लिए आरक्षित रखा जाए।
- अवैध खनन और भूमि के दुरुपयोग में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे भोपाल हाईवे पर चक्काजाम आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
प्रशासन ने शुरू की जांच
ग्रामवासियों की शिकायत के बाद, तहसीलदार नितिन राय ने तत्काल संज्ञान लेते हुए क्षेत्र के पटवारी और राजस्व निरीक्षक को मौके पर जांच के लिए भेजा। तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों का आक्रोश
ग्रामीणों का कहना है कि गोशाला की भूमि गोवंश के लिए है, और इसका उपयोग व्यावसायिक लाभ के लिए किया जाना पूरी तरह से अनुचित है। उनका आरोप है कि गोशाला संचालक और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब हो रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में कठोर कदम उठाने की मांग की है।
निष्कर्षतः इस मामले ने क्षेत्र में विवाद को जन्म दिया है, और प्रशासन की जांच के नतीजे पर ग्रामीणों की नजरें टिकी हुई हैं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
Follow us on:
https://whatsapp.com/narmadapuramnews
https://www.instagram.com/narmadapuramnews/
https://whatsapp.com/channel/narmadapuramnews