बिछड़ीं दो बच्चियां सकुशल मिलीं, Itarsi पुलिस ने परिजनों को सौंपा

Itarsi Updates :- मां से बिछड़ीं दो बच्चियां सकुशल मिलीं, पुलिस ने परिजनों को सौंपा

Itarsi : बुधवार की देर शाम राज टॉकीज के पास सिटी पुलिस को दो नाबालिग बच्चियां रोते हुए मिलीं। दोनों बच्चियों की उम्र करीब 7 साल थी और वे अपनी मां से बिछुड़ गई थीं। बच्चियां अपनी मां को तलाशने की कोशिश कर रही थीं लेकिन रास्ता भटक जाने के कारण वे बेहद डरी हुई थीं। सिटी पुलिस ने बच्चियों को धीरज बंधाया और उन्हें थाने ले गई।

बिछड़ीं दो बच्चियां सकुशल मिलीं, Itarsi पुलिस ने परिजनों को सौंपा

सोशल मीडिया से मिली मदद

Itarsi सिटी थाना प्रभारी (टीआई) गौरव सिंह बुंदेला ने बताया कि बच्चियों की पहचान के लिए तुरंत सोशल मीडिया का सहारा लिया गया। उनकी तस्वीरें वायरल की गईं और नागरिकों से अपील की गई कि यदि कोई बच्चियों को पहचानता हो तो तुरंत पुलिस से संपर्क करे। इस अपील का सकारात्मक परिणाम केवल आधे घंटे के भीतर देखने को मिला।

बच्चियों के माता-पिता, जो उन्हें ढूंढने में व्यस्त थे, सोशल मीडिया पर बच्चियों की तस्वीर देखकर तुरंत थाने पहुंचे। पुलिस ने आवश्यक सत्यापन के बाद बच्चियों को सकुशल उनके अभिभावकों को सौंप दिया।

भटकते बच्चों का दूसरा मामला

ऐसा ही एक मामला मंगलवार को पथरौटा क्षेत्र में भी सामने आया था। बाबई से 8 और 10 साल की उम्र के दो बच्चे बिना किसी को बताए घर से घूमने के लिए निकल गए थे। रास्ता भटकने के बाद वे काफी दूर पहुंच गए, जिससे उनके परिजन घबरा गए। बच्चों के लापता होने की सूचना पथरौटा थाने में दी गई।

पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए खोज अभियान शुरू किया और बच्चों को आधे घंटे के भीतर ढूंढ निकाला। इसके बाद दोनों बच्चों को भी उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना

इन घटनाओं में पुलिस द्वारा दिखाई गई त्वरित कार्रवाई और संवेदनशीलता की स्थानीय नागरिकों ने सराहना की है। टीआई गौरव सिंह बुंदेला ने कहा,

“इस प्रकार के मामलों में समय पर कार्रवाई बेहद जरूरी है। हमने प्राथमिकता के साथ काम किया ताकि बच्चों को उनके परिजनों तक सुरक्षित पहुंचाया जा सके।”

सुरक्षा के लिए परिजनों को अपील

Itarsi पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों पर विशेष ध्यान दें और उन्हें अकेले बाहर जाने से रोकें। साथ ही, बच्चों को यह सिखाने की आवश्यकता है कि यदि वे किसी कारण से भटक जाएं, तो निकटतम पुलिस स्टेशन या विश्वसनीय व्यक्ति की मदद लें।

समाज की जागरूकता का महत्व

इन घटनाओं ने यह भी साबित किया है कि सोशल मीडिया जागरूकता और त्वरित सहयोग का एक सशक्त माध्यम बन सकता है। पुलिस और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से बच्चों को समय रहते सुरक्षित उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सका, जो समाज में सकारात्मकता और सहयोग का प्रतीक है।

 

 

 

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