Itarsi Updates :- श्रीराम की भव्य बारात: 3 किमी लंबा जुलूस, 36 जोड़ों ने लिए सात फेरे
Itarsi: श्रीराम विवाह उत्सव के शुभ अवसर पर शुक्रवार रात देवल मंदिर जनकपुरी का नजारा अद्वितीय था। जनकपुरी को दुल्हन की तरह सजाया गया था, जहां हजारों श्रद्धालु इस भव्य आयोजन के साक्षी बने। श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न के साथ 36 दूल्हों की भव्य बारात 3 किलोमीटर लंबी थी, जिसमें परंपरागत अखाड़े, सजी-धजी दुलदुल घोड़ी, रामसखियां और सजीव झांकियां शामिल थीं। यह अनूठी बारात रातभर इटारसी की सड़कों पर श्रद्धा और उत्साह का प्रतीक बनी रही।
रंग-बिरंगी सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रम
Itarsi शहर के ओवरब्रिज से देवल मंदिर तक पूरे हाईवे को रंग-बिरंगी झालरों और तोरण द्वारों से सजाया गया। जनकपुरी पहुंचने पर बारात का भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं ने शिरकत की और प्रसाद ग्रहण किया। मंच पर साधु-संतों के प्रवचन और भजन-कीर्तन ने वातावरण को और आध्यात्मिक बना दिया।
बारात में खुले रथ पर भगवान श्रीराम की प्रतिमा विराजमान थी, जो पूरे जुलूस का केंद्र बिंदु रही। अश्वों के साथ नृत्य करते कलाकार और जयस्तंभ चौक पर अखाड़े के युवाओं द्वारा साहसिक करतब बारात में खास आकर्षण बने।
रात 9 बजे निकली बारात, मध्यरात्रि तक चला उत्सव
गोधूलि बेला में द्वारकाधीश बड़ा मंदिर से बारात निकलने का समय निर्धारित था, लेकिन तैयारियों में देरी के कारण यह रात 9 बजे प्रारंभ हुई। जुलूस हाईवे से गुजरते हुए देवल मंदिर पहुंचा। इस दौरान सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद रही, क्योंकि श्रद्धालुओं और बारातियों से सड़कों पर जनसागर उमड़ा हुआ था। बारात के साथ हजारों श्रद्धालु और उत्साही नागरिक चल रहे थे, जो जयकारों और भजनों से वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे।
एक मंडप में संपन्न हुआ सामूहिक विवाह
बारात के जनकपुरी पहुंचने के बाद 36 जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न हुआ। वर-वधुओं ने सात जन्मों तक साथ निभाने का संकल्प लेकर अग्नि के सात फेरे लिए। माता सीता और भगवान श्रीराम के प्रतीकात्मक विवाह के माध्यम से इस पावन परंपरा को आगे बढ़ाया गया। सामूहिक विवाह में इनरव्हील क्लब ने सभी नवदंपतियों को उपहार भेंट किए।
39 वर्षों से सामूहिक विवाह की परंपरा
श्री देवल मंदिर काली समिति ने श्रीराम विवाह उत्सव को सामाजिक समरसता और सनातन धर्म की रक्षा का प्रतीक बना दिया है। पिछले 39 वर्षों से आयोजित इस समारोह में अब तक 2500 से अधिक जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है। इस वर्ष भी समिति ने 36 जोड़ों के विवाह का आयोजन किया।
स्थानीय परंपरा का हिस्सा बना श्रीराम विवाह
श्रीराम विवाह उत्सव इटारसी की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक है, बल्कि सामूहिक विवाह जैसे सामाजिक उद्देश्यों को भी साकार करता है। आयोजकों ने बताया कि यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी, जिससे सनातन संस्कृति की धरोहर को संरक्षित किया जा सके।
समाज में बंधुत्व और समरसता का संदेश
इस भव्य आयोजन ने धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी दिया। सामूहिक विवाह न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए मददगार है, बल्कि समाज में बंधुत्व और समरसता की भावना को भी बढ़ावा देता है। आयोजन समिति के सदस्य और श्रद्धालु इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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