Itarsi में सरकारी हैंडपंप और रास्तों के सीमांकन पर विवाद

Itarsi Updates :- सरकारी हैंडपंप और रास्तों के सीमांकन पर विवाद, बिहारी वार्ड के निवासियों ने जताई आपत्ति   

Itarsi: पथरौटा के बिहारी वार्ड में सरकारी हैंडपंप और पारंपरिक रास्तों को निजी भूमि में सीमांकित करने पर निवासियों ने कड़ी आपत्ति जताई है। इस मुद्दे को लेकर स्थानीय निवासियों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने पुनः सर्वेक्षण और समस्याओं के समाधान की मांग की है।

Itarsi में सरकारी हैंडपंप और रास्तों के सीमांकन पर विवाद

क्या है मामला?

बिहारी वार्ड के निवासियों के अनुसार, नेशनल हाईवे-69 से तवा मुख्य नहर तक की भूमि का सीमांकन एक किसान के आवेदन पर आरआई, पटवारी और कोटवार की टीम द्वारा किया गया। सीमांकन के दौरान खसरा नंबर 37/1 की जांच की गई। रहवासियों का कहना है कि सर्वेक्षण में खसरे की भूमि को डिजिटल नक्शे और पटवारी के कागजी रिकॉर्ड से मिलान नहीं किया गया, जिससे शासकीय भूमि के दावे पर सवाल खड़े हो गए।

सरकारी हैंडपंप को किया निजी भूमि में सीमांकित

निवासियों का आरोप है कि सरकारी हैंडपंप, जो आम जनता के उपयोग के लिए स्थापित है, उसे किसान की निजी भूमि में सीमांकित कर दिया गया। इस कदम से स्थानीय निवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, पारंपरिक रास्ते या तो पूरी तरह बंद हो गए हैं या बहुत संकरे कर दिए गए हैं, जिससे आवागमन में कठिनाई हो रही है।

अतिक्रमण का आरोप

स्थानीय निवासियों ने यह भी दावा किया है कि पुराने मकानों और भूमि को खसरा नंबर 37/1 के अंतर्गत अतिक्रमण का हिस्सा मानते हुए चिन्हित कर दिया गया है। इससे कई परिवारों के घरों और भूमि के अधिकार पर संकट खड़ा हो गया है।

लंबे समय से चल रही है समस्या

निवासियों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत की जा चुकी है। 11 नवंबर को सीसी रोड और नाली निर्माण की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया था, जबकि 18 नवंबर को जनसुनवाई में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया।

एसडीएम और तहसीलदार ने किया स्थल निरीक्षण

जनसुनवाई के बाद एसडीएम के निर्देश पर इटारसी के नायब तहसीलदार ने स्थल का निरीक्षण किया। तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि जलभूमि के खसरा क्रमांक 37/1 का सही तरीके से सीमांकन किया जाएगा और समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा।

निवासियों की मांग

बिहारी वार्ड के निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि:

  1. सरकारी हैंडपंप को पुनः सार्वजनिक उपयोग के लिए बहाल किया जाए।
  2. पारंपरिक रास्तों को चौड़ा किया जाए और बंद हुए मार्गों को खोला जाए।
  3. सभी भूमि और भवनों का सटीक सर्वेक्षण कर वास्तविक स्थिति का निर्धारण किया जाए।

आगे का कदम

प्रशासन ने निवासियों को आश्वासन दिया है कि उनके मुद्दों का उचित समाधान किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि भूमि और भवनों की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण जल्द किया जाएगा।

निवासियों की चिंताएं

इस विवाद ने बिहारी वार्ड के निवासियों के लिए बड़े पैमाने पर असंतोष और अनिश्चितता पैदा कर दी है। वे प्रशासन से शीघ्र और निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि उनका जनजीवन सामान्य हो सके।

 

 

 

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