Narmadapuram Updates :- मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति: कुर्मी समाज का प्रभाव और आगामी चुनावों की रणनीति
Narmadapuram।
होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पांच मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा कर दी है। शुक्रवार को जारी सूची में नर्मदापुर मंडल अध्यक्ष के रूप में रूपेश राजपूत और नर्मदापुरम ग्रामीण मंडल अध्यक्ष के रूप में गोकुल पटेल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों नेता संगठन के सक्रिय और अनुभवी पदाधिकारी माने जाते हैं।
मंडल अध्यक्षों की इस नियुक्ति में पिछले विधानसभा चुनाव के परिणामों का सीधा असर दिखा। इनमें से तीन मंडल अध्यक्ष कुर्मी समाज से चुने गए हैं। जानकारों का मानना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कुर्मी समाज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और भाजपा का यह कदम समाज को साधने और आगामी चुनावों में उनके समर्थन को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है।
कुर्मी समाज का प्रभाव
पिछले विधानसभा चुनाव में भगवती चौरे ने भाजपा से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उन्होंने 55,000 से अधिक वोट हासिल किए, हालांकि जीत दर्ज नहीं कर सके। लेकिन इस चुनाव में कुर्मी समाज का बड़ा समर्थन उन्हें मिला था। नर्मदापुरम जिला कुर्मी बहुल क्षेत्र है, और इस समाज का भाजपा के पक्ष में झुकाव बनाए रखना पार्टी के लिए एक राजनीतिक आवश्यकता है। तीन मंडल अध्यक्षों को कुर्मी समाज से नियुक्त करना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
पंचायत और विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि नवनियुक्त मंडल अध्यक्षों को 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह नियुक्तियां संगठन के उन कार्यकर्ताओं को इनाम के रूप में दी गई हैं, जिन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था। नए मंडल अध्यक्ष न केवल चुनावी तैयारियों में अहम भूमिका निभाएंगे, बल्कि स्थानीय स्तर पर संगठन को मजबूत करने का काम भी करेंगे।
विवाद और सिफारिशों का दौर
सूत्रों की मानें तो नर्मदापुर मंडल अध्यक्ष पद को लेकर संगठन के भीतर काफी खींचतान थी। पूर्व में इस पद पर रोहित गौर की नियुक्ति हुई थी, लेकिन अब उनकी जगह पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष के समर्थक रूपेश राजपूत को चुना गया है। इस बदलाव को कुर्मी समाज को महत्व देने और संगठन के भीतर संतुलन बनाए रखने के रूप में देखा जा रहा है।
ओबीसी वोट बैंक साधने की कोशिश
पार्टी ने न केवल कुर्मी समाज से तीन मंडल अध्यक्ष बनाए हैं, बल्कि पिछड़े वर्ग (ओबीसी) को महत्व देने के उद्देश्य से राजपूत और कलार समाज से भी एक-एक मंडल अध्यक्ष नियुक्त किए हैं। यह नियुक्तियां आगामी चुनावों में ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा हैं।
बड़े नेताओं की सिफारिश और स्थानीय प्रभाव
मंडल अध्यक्ष पदों की नियुक्ति के लिए क्षेत्रीय नेताओं से लेकर दिल्ली तक बड़े नेताओं और मंत्रियों के बीच सिफारिशों का दौर चला। प्रत्येक विधायक और टिकट के दावेदार ने अपने समर्थक कार्यकर्ताओं को इस पद पर नियुक्त करवाने की पूरी कोशिश की, ताकि वे अपने चुनावी समीकरणों के अनुरूप संगठन का काम करवा सकें।
भाजपा की यह रणनीति न केवल आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों की तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है, बल्कि यह संगठन के भीतर सामुदायिक संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रयास भी है।
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