Itarsi नपा दुकान किराया वृद्धि प्रस्ताव का विरोध: व्यापारी महासंघ ने विधायक और नपाध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन
Itarsi News : Itarsi नगरपालिका (नपा) द्वारा अपनी आय बढ़ाने के उद्देश्य से दुकानों के किराए में भारी वृद्धि का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे लेकर व्यापारी वर्ग और कांग्रेस के पार्षदों के बीच कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है। इस विवादित प्रस्ताव के तहत नपा अपने स्वामित्व वाली दुकानों का किराया बढ़ाकर पक्की दुकानों के लिए 100 रुपए प्रतिदिन और कच्ची दुकानों के लिए 80 रुपए प्रतिदिन करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, हर तीन साल में किराए में 20 प्रतिशत की वृद्धि का भी प्रावधान रखा गया है। इस फैसले को लेकर व्यापार महासंघ और कई पार्षद सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
संयुक्त व्यापार महासंघ ने गुरुवार को इस विरोध के तहत विधायक और नपाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा। महासंघ ने स्पष्ट रूप से मांग की कि दुकान किराए में वृद्धि न की जाए और सफाई टैक्स को कम किया जाए। महासंघ के अध्यक्ष दीपक हरिनारायण अग्रवाल ने कहा कि किराया वृद्धि का प्रस्ताव व्यापारियों के हित में नहीं है, और इससे उनके कारोबार पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
विरोध का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के पार्षद अमित कापरे ने भी इस प्रस्ताव के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया। वह नपा कार्यालय पहुंचे और अपने गले में एक पोस्टर टांगा, जिसमें लिखा था, “अध्यक्ष वसूली भाई न बनें”। उन्होंने इस प्रस्ताव को व्यापारी वर्ग पर थोपने वाला बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई और अपनी शिकायत सीएमओ को सौंपी। पार्षद कापरे का कहना है कि यह प्रस्ताव पूरी तरह से व्यापारियों के खिलाफ है और इसका उद्देश्य व्यापारिक समुदाय पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डालना है।
Itarsi नपा अध्यक्ष पंकज चौरे ने इस मामले पर स्पष्ट किया कि सामान्य सम्मेलन में लिया गया निर्णय वापस नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव परिषद में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा, और पार्षद सदस्यों पर निर्भर करेगा कि वे इसे पारित करें या खारिज करें। हालांकि, यह प्रस्ताव व्यापारियों के लिए एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है, और उनके विरोध के स्वर लगातार तेज होते जा रहे हैं।
25 सितंबर को होगा नपा का साधारण व्यापक सम्मेलन
आगामी 25 सितंबर को नपा का साधारण व्यापक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें यह विवादित प्रस्ताव चर्चा का मुख्य बिंदु होगा। इस सम्मेलन में नपा द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव नपा की आय बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसमें दुकानों का किराया प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ाने और हर तीन साल में 20 प्रतिशत की वृद्धि का प्रावधान रखा गया है। विगत 13 सितंबर को नपाध्यक्ष पंकज चौरे द्वारा हस्ताक्षरित इस एजेंडा को पार्षदों तक पहुंचाया गया, जिससे व्यापारियों के बीच असंतोष फैल गया है।
किराए में अचानक भारी वृद्धि का विरोध
व्यापार महासंघ ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि वर्ष 2015 में नगरपालिका परिषद के साधारण व्यापक सम्मेलन में दुकानों के किराए में मामूली वृद्धि की गई थी, जिसके तहत किराया 6 हजार रुपए प्रतिवर्ष निर्धारित किया गया था। इस किराए में सेवाकर भी जोड़ा गया था, जिसे बाद में वर्ष 2017 में जीएसटी द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। हालांकि, अब अचानक से 6 हजार रुपए से 36 हजार रुपए तक किराया बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है, जिसे व्यापारियों ने अन्यायपूर्ण बताया है।
महासंघ और पार्षदों ने इस मुद्दे पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए नपा से यह मांग की है कि इस तरह की किराया वृद्धि और अन्य करों का भार व्यापारियों पर न डाला जाए, जो पहले से ही आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नपा के आगामी साधारण सम्मेलन में इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लिया जाता है, और व्यापारियों के विरोध के मद्देनजर क्या कोई नया समाधान निकलता है या नहीं।
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