Itarsi  केसला ब्लॉक में मुरम का अवैध उत्खनन, सड़कों की दुर्दशा

Itarsi  केसला ब्लॉक में मुरम का अवैध उत्खनन, राजस्व हानि और सड़कों की दुर्दशा पर प्रशासन मौन

Itarsi।

आदिवासी बहुल केसला ब्लॉक के नजरपुर और आसपास के कई गांव इन दिनों मुरम के अवैध उत्खनन का केंद्र बन गए हैं। खनन कार्य की तीव्रता और भारी वाहनों के आवागमन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है। यह न केवल स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है, बल्कि सरकार को राजस्व के रूप में भारी नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।

Itarsi  केसला ब्लॉक में मुरम का अवैध उत्खनन, सड़कों की दुर्दशा

22 फीट तक गहरे गड्ढे, बढ़ती समस्या

ग्रामीणों ने बताया कि मुरम खदानों में इतनी बेरहमी से उत्खनन किया जा रहा है कि 22 फीट तक गहरे गड्ढे हो गए हैं। यह स्थिति आसपास की भूमि और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर रही है। पीपलढाना ग्राम पंचायत ने ग्रामीणों की शिकायतों के आधार पर इस मामले को गंभीरता से लिया और पंचनामा तैयार कर एसडीएम को सौंपा।

एसडीएम टी. प्रतीक राव ने कहा, “पंचनामा अभी हमारे पास नहीं पहुंचा है। मिलते ही इस मामले की जांच शुरू की जाएगी। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”

खनिज विभाग की निष्क्रियता पर सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक दशक से खनिज विभाग ने मुरम माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इससे माफियाओं के हौसले बुलंद हैं, और वे खुलेआम इस अवैध कार्य को अंजाम दे रहे हैं। खनिज विभाग की निष्क्रियता पर ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

10 साल पहले एसडीएम षणमुखप्रिया मिश्रा के कार्यकाल में इस संदर्भ में छापामार कार्रवाई की गई थी। इसके बाद से अब तक प्रशासनिक स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया है।

वनभूमि और शासकीय जमीन का दोहन

ग्रामीणों के अनुसार, मुरम के अवैध उत्खनन में वही लोग शामिल हैं, जो हाल ही में इसे रोकने के लिए प्रयास करने का दावा कर रहे थे। इन लोगों की सरकारी अधिकारियों से साठगांठ की वजह से यह गैरकानूनी कार्य बेखौफ जारी है।

रोजाना सैकड़ों भारी-भरकम डंपर मुरम से लदे यहां से गुजरते हैं। इनकी वजह से वनभूमि और शासकीय जमीन का अंधाधुंध दोहन हो रहा है। साथ ही ग्रामीण इलाकों में आवागमन के लिए बनी मुख्य सड़कें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इन सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन को जल्द कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों और पर्यावरणविदों ने सरकार और प्रशासन से अवैध उत्खनन को रोकने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं लगाया गया, तो यह न केवल स्थानीय बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि पर्यावरणीय असंतुलन और ग्रामीणों की आजीविका पर भी गंभीर प्रभाव डालेगा।

निष्कर्ष

मुरम का अवैध उत्खनन केसला ब्लॉक में एक बड़ी समस्या बन गया है। प्रशासन और खनिज विभाग की निष्क्रियता ने इसे और बढ़ावा दिया है। अब जरूरत है कि स्थानीय प्रशासन और सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता से सुलझाएं और क्षेत्र के विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाएं।

 

 

 

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