Itarsi Updates :- Itarsi हॉकी संघ विवाद ने पकड़ा तूल, विधायक डॉ. शर्मा ने की पुलिस जांच की मांग
डीएचए विवाद अब मैदान से निकलकर थाने और प्रशासनिक गलियारों तक पहुंचा
Itarsi, नर्मदापुरम —
जिले के हॉकी संगठन जिला हॉकी संघ (DHA) से जुड़ा विवाद अब धीरे-धीरे गंभीर होता जा रहा है। यह मामला अब केवल खेल गतिविधियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पुलिस तक पहुंच गया है। इस पूरे घटनाक्रम में एक बड़ा मोड़ उस समय आया जब विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने इस विवाद में खुलकर दखल दिया और हॉकी खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया तथा संगठन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए।
7 जुलाई को विधायक डॉ. शर्मा ने एक प्रेसवार्ता आयोजित कर सार्वजनिक रूप से DHA की गतिविधियों में हो रही कथित अनियमितताओं और पक्षपातपूर्ण चयन प्रणाली पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है और कुछ मामलों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नाबालिग खिलाड़ियों के स्थान पर बड़ी उम्र के बच्चों को प्रतियोगिताओं में शामिल किया गया है।
प्रशिक्षक कन्हैया गुरयानी की सेवा समाप्त, आदेश जारी
विवाद की पृष्ठभूमि में मंगलवार रात एक बड़ा प्रशासनिक कदम सामने आया। जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी उमा पटेल ने 8 जुलाई को एक आदेश जारी करते हुए, हॉकी फीडर सेंटर इटारसी में सेवाएं दे रहे मनसेवी प्रशिक्षक कन्हैया गुरयानी की सेवा समाप्त कर दी। यह कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के मौखिक निर्देश के आधार पर की गई, जो इस बात की ओर संकेत करती है कि प्रकरण को उच्च स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है।
थाने में पहुंचा मामला, विधायक ने दिया लिखित आवेदन
मामले की गंभीरता इस हद तक बढ़ गई कि इटारसी कोतवाली थाना में भी यह विवाद दर्ज हुआ है। टीआई गौरव बुंदेला ने पुष्टि की कि 7 जुलाई को विधायक डॉ. शर्मा की ओर से एक पत्र थाना प्रभारी के पास पहुंचा, जिसमें हॉकी खिलाड़ियों के चयन में अनियमितताओं की शिकायत दर्ज करते हुए विस्तृत जांच की मांग की गई है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि कुछ खिलाड़ियों के आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज फर्जी हो सकते हैं, जिनके जरिए उन्हें प्रतियोगिताओं में खेलने का अवसर दिलाया गया।
खेल जगत में हड़कंप, संघ की कार्यप्रणाली पर सवाल
इस विवाद के चलते न केवल डीएचए की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं, बल्कि जिले के खेल जगत में भी हड़कंप मच गया है। प्रशिक्षकों, खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों में भ्रम की स्थिति बन गई है। कई लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यदि चयन प्रक्रिया में पक्षपात और अनियमितताएं हो रही हैं, तो इससे जिले के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के भविष्य पर भी असर पड़ेगा।
प्रशासन कर रहा है मामले की समीक्षा
जिले का खेल विभाग और पुलिस प्रशासन अब इस मामले की जांच में जुट गया है। प्रारंभिक तौर पर प्राप्त शिकायतों और दस्तावेजों के आधार पर सभी पहलुओं की सक्रियता से जांच की जा रही है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो इसमें और अधिक प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई भी संभव है।
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