Seoni Malwa सिवनी मालवा नगर पालिका द्वारा गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए विशेष कुंड तैयार
Seoni Malwa : नगर पालिका परिषद सिवनी मालवा ने गणेश उत्सव के समापन के अवसर पर गणेश प्रतिमाओं के पर्यावरण-अनुकूल विसर्जन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। इस क्रम में, धोबी घाट और शक्ति घाट पर विशेष रूप से निर्मित विसर्जन कुंड बनाए गए हैं। इन कुंडों का उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए श्रद्धालुओं को एक सुविधाजनक और स्वच्छ विसर्जन स्थल उपलब्ध कराना है। कुंडों में प्रतिमाओं का विसर्जन पारंपरिक धार्मिक विधियों के साथ किया जा सकेगा, जिससे नदियों और अन्य प्राकृतिक जलस्रोतों में प्रदूषण फैलने से रोका जा सकेगा।
कृत्रिम विसर्जन कुंड में गणेशजी का विसर्जन करने के लाभ:
कृत्रिम विसर्जन कुंड का उपयोग करने से कई पर्यावरणीय, सामाजिक और धार्मिक लाभ होते हैं। यह विधि पारंपरिक विसर्जन की समस्याओं को हल करते हुए गणेश उत्सव के दौरान एक अधिक टिकाऊ और सुरक्षित विकल्प प्रदान करती है। कृत्रिम विसर्जन कुंड में गणेशजी का विसर्जन करने के कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:
1. जल प्रदूषण में कमी:
पारंपरिक रूप से प्रतिमाओं का विसर्जन नदी, तालाब, या समुद्र में करने से पानी में हानिकारक रसायन और रंग घुलते हैं, जिससे जल प्रदूषण बढ़ता है। कृत्रिम विसर्जन कुंड में विसर्जन से यह प्रदूषण रुकता है और प्राकृतिक जलस्रोत स्वच्छ बने रहते हैं।
2. पर्यावरण संरक्षण:
कई गणेश प्रतिमाएं प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) और रासायनिक रंगों से बनी होती हैं, जो जलस्रोतों को नुकसान पहुँचाते हैं। कृत्रिम कुंडों में इन प्रतिमाओं का विसर्जन करने से प्रदूषक तत्व नियंत्रित स्थान पर रहते हैं और उनका निस्तारण बेहतर तरीके से किया जाता है, जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है।
3. पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग:
कृत्रिम विसर्जन कुंड में प्रतिमाओं का विसर्जन करने के बाद मिट्टी और सामग्री को पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। इस तरह, प्रतिमाओं की सामग्री बर्बाद नहीं होती और उन्हें भविष्य में अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है।
4. सामाजिक जागरूकता:
कृत्रिम विसर्जन कुंड का उपयोग लोगों को पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति जागरूक करता है। इससे गणेश उत्सव के दौरान अधिक से अधिक लोग पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनने और स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित होते हैं।
5. धार्मिक आस्था और परंपरा का सम्मान:
कृत्रिम कुंडों में भी गणेशजी का विसर्जन विधि-विधान से किया जाता है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का सम्मान बना रहता है। यह एक पर्यावरण-अनुकूल तरीका है जो परंपराओं का पालन करते हुए प्रकृति को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
6. सुविधाजनक और सुरक्षित विकल्प:
कृत्रिम कुंड शहरी क्षेत्रों में आसानी से उपलब्ध होते हैं, जहाँ विसर्जन करना सुरक्षित और सुविधाजनक होता है। यह खासकर उन लोगों के लिए लाभकारी है जो नदियों या तालाबों तक नहीं पहुँच सकते। साथ ही, विसर्जन के दौरान दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाती है।
7. जलस्रोतों की सुरक्षा:
प्राकृतिक जलस्रोतों में कचरा और अन्य अवशेष न डालने से जलीय जीवन सुरक्षित रहता है। कृत्रिम कुंडों के इस्तेमाल से मछलियों और अन्य जलचरों पर होने वाले प्रतिकूल प्रभावों से बचा जा सकता है।
8.समुदाय और प्रशासन के साथ सहयोग:
कृत्रिम विसर्जन कुंड प्रशासन और स्थानीय समुदाय के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। इससे सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता और व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलती है।
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