Itarsi कोर्ट ने दोस्त की हत्या के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई
Itarsi : इटारसी Itarsi कोर्ट ने गुटखा पाउच देने से मना करने पर दोस्त की चाकू मारकर हत्या करने वाले आरोपी, पुरानी इटारसी निवासी अभिषेक बामने को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला तृतीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशीला वर्मा ने सुनाया। आरोपी को हत्या के आरोप में दोषी पाया गया और जेल में बंद अभिषेक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह सजा सुनाई गई।
घटना का विवरण:
यह घटना 22 मार्च 2022 की है, जब रंगपंचमी के दिन पुरानी इटारसी की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में अरविंद धुर्वे और विवेक सटेले अपने दोस्त अभिषेक बामने के साथ घूम रहे थे। रात करीब 12:05 बजे अभिषेक ने विवेक से गुटखा पाउच की मांग की, लेकिन विवेक ने पाउच देने से मना कर दिया। इस मामूली बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। झगड़ा बढ़ने पर अभिषेक ने जेब से खटकेदार चाकू निकाला और विवेक की छाती पर वार कर दिया, जिससे विवेक गंभीर रूप से घायल हो गया और जमीन पर गिरकर तड़पने लगा।
इसके बाद अभिषेक ने अरविंद पर भी हमला किया, जिसमें चाकू उसके कमर के नीचे और दाहिने हाथ पर लगा। अभिषेक हमले के बाद चाकू लेकर मौके से फरार हो गया। विवेक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अरविंद को गंभीर चोटें आईं।
पुलिस और न्यायालय की कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने तत्काल आरोपी अभिषेक बामने के खिलाफ केस दर्ज किया और जांच शुरू की। इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर इंस्पेक्टर रामस्नेही चौहान ने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज कोर्ट में प्रस्तुत किए, जिन्हें प्रमाणित भी किया गया। इस मामले में एएसआई संजय रघुवंशी ने आठ गवाहों के बयान अदालत में दर्ज करवाए। आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड भी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिससे आरोपी की पूर्व की गतिविधियाँ भी स्पष्ट हुईं।
सजा का विवरण:
अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि केस की सुनवाई पूरी होने पर कोर्ट ने अभिषेक को हत्या के आरोप में दोषी पाया। अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी हरिशंकर यादव ने जानकारी दी कि अभिषेक को उम्रकैद की सजा के साथ-साथ अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई गई। जान से मारने की धमकी देने पर 7 साल, मारपीट करने पर 3 साल और गाली-गलौज करने पर 3 महीने का सश्रम कारावास दिया गया। हालांकि, अरविंद पर चाकू से वार करने के मामले में हत्या के प्रयास की धारा भी लगाई गई थी, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर चोट का उल्लेख न होने के कारण इस धारा में सजा नहीं दी गई।
इस प्रकार, यह मामूली झगड़ा एक गंभीर अपराध में बदल गया, जिसका नतीजा एक निर्दोष व्यक्ति की जान जाने और आरोपी को उम्रकैद की सजा के रूप में सामने आया।
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