Itarsi को भिक्षामुक्त बनाने की पहल: 25 पार्षदों ने भेजा हस्ताक्षरित पत्र, पुनर्वास पर जोर
Itarsi। भिक्षामुक्त शहर बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा समर्थित पार्षदों ने एकजुट होकर पहल की है। बढ़ती भिक्षावृत्ति को गंभीरता से लेते हुए 25 पार्षदों ने हस्ताक्षरित पत्र के माध्यम से नगरपालिका प्रशासन से इस मुद्दे पर तत्काल कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने इस विषय पर नगर पालिका परिषद का विशेष सम्मेलन बुलाने का अनुरोध किया है, ताकि समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।
शहर में बढ़ती भिक्षावृत्ति बनी चिंता का विषय
इटारसी शहर में प्रतिदिन सड़क, चौक-चौराहों और रेलवे स्टेशन के आसपास भिक्षावृत्ति करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह न केवल शहर की स्वच्छ छवि पर प्रभाव डाल रही है, बल्कि भिक्षावृत्ति करने वाले व्यक्तियों के जीवन स्तर और उनके पुनर्वास को लेकर भी सवाल खड़े कर रही है। पार्षदों ने इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए इसे नगर पालिका परिषद के एजेंडे में शामिल करने का निर्णय लिया है।
पुनर्वास पर जोर देने की मांग
पार्षदों द्वारा भेजे गए पत्र में भिक्षावृत्ति समाप्त करने के साथ-साथ प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास पर जोर दिया गया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि यह सिर्फ एक सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि इसे समाधान के लिए प्रशासनिक और सामुदायिक प्रयासों की आवश्यकता है। पुनर्वास के तहत भिक्षावृत्ति करने वालों को कौशल विकास, रोजगार के अवसर, और आश्रय उपलब्ध कराना आवश्यक है, ताकि वे मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
विशेष सम्मेलन बुलाने की अपील
पार्षदों ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इस विषय पर जल्द से जल्द विशेष बैठक बुलाई जाए। इस बैठक में सभी पार्षद, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होकर इस समस्या के समाधान पर विचार-विमर्श करें।
पार्षदों की एकजुटता
इस पहल में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के पार्षदों का समर्थन मिलना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह दर्शाता है कि यह समस्या राजनीतिक मतभेदों से परे है और शहर के सामूहिक हित से जुड़ी है। पार्षदों ने यह भी कहा है कि इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो भिक्षावृत्ति की समस्या और बढ़ सकती है, जिससे शहर की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
भविष्य की योजनाएं
पार्षदों ने सुझाव दिया है कि नगर पालिका द्वारा एक विशेष योजना बनाई जाए, जिसमें भिक्षावृत्ति रोकने और पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाए। इसके तहत ऐसे लोगों की पहचान कर उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाए। इसके बाद उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं और यदि आवश्यक हो तो आश्रय गृहों में स्थानांतरित किया जाए।
निष्कर्ष
इटारसी को भिक्षामुक्त बनाने की यह पहल शहर की छवि सुधारने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पार्षदों द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर नगर पालिका प्रशासन की कार्रवाई का सभी को इंतजार है। शहर के नागरिकों को भी इस दिशा में जागरूक होकर योगदान देने की आवश्यकता है।
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